NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 10 थप्प रोटी थप्प दाल

NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 10 प्रश्न-अभ्यास

NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 10 पाठ्यपुस्तक से
कोई और शीर्षक
नाटक का नाम थप्प रोटी थप्प दाल क्यों है?
तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर:
(क) नाटक का नाम थप्प रोटी थप्प दाल इसलिए है क्योंकि इसमें बच्चे रोटी और द्राल पकाने का अभिनय करते हैं।
(ख) दूसरा शीर्षक-आओ पकाएं रोटी-दाल

आवाज़ वाले शब्द
थप्प रोटी थप्प दाल
‘थप्प’ शब्द से लगता है किसी तरह की आवाज़ है। आवाज़ का मज़ा देने वाले और भी बहुत से शब्द हैं जैसे-टप, खट।
ऐसे ही कुछ शब्द तुम भी लिखो।
उत्तर:
पट                                     चट                                         खर्र                                      घर्र

कौन-कौन से खेल
इस नाटक में बच्चे रोटी बनाने का खेल खेलते हैं। तुम अपने साथियों के साथ कौन-कौन से खेल खेलती हो, उनके नाम लिखो।
कबड्डी
खो-खो
क्रिकेट
पकड़म-पकड़ाई
बैडमिन्टन
आँख-मिचौली
फुटबॉल
कैरम बोर्ड

सोचकर बताओ
(क) नीना चुन्नू और टिंकू से ही दाल क्यों बनवाना चाहती होगी?
(ख) बच्चों ने खाने-पीने की चीजें छींके में क्यों रखीं?
(ग) चुन्नू ने दाल को पहले खट्टा फिर मीठा क्यों बताया?
उत्तर:
(क) नीना चुन्नू और टिंकू से ही दाल इसलिए बनवाना चाहती होगी क्योंकि उसे पता था कि ये लड़के हैं और इन्हें दाल बनाना तो दूर आग जलाना भी नहीं आता। इनसे दाल बनवाकर वह उन्हें परेशान करना चाहती थी। उनका मज़ाक उड़ाना चाहती थी।
(ख) बच्चों ने खाने-पीने की चीजें छींके में इसलिए रखीं ताकि उन्हें कोई चुरा न ले या बिल्ली खा न ले।
(ग) चुन्नू ने दाल को पहले खट्टा फिर मीठा इसलिए बताया क्योंकि वह लड़कियों को चिढ़ाना चाहता था।

तुम्हारी बात
तुम्हारे घर में खाना कौन बनाता है? तुम खाना बनाने में क्या-क्या मदद करते हो? नीचे दी गई तालिका में लिखो।

खाना कौन बनाता है। मैं क्या-क्या मदद कर सकता हूँ मैं क्या मदद करता हूँ
मम्मी सब्जी धो सकता हूँ। सलाद काटता हूँ।
दादी सलाद काट सकता हूँ। सब्जी धोता हूँ।
पापा (कभी-कभी) खाना लगा सकता हूँ। खाना लगाता हूँ।

तुम क्या बनातीं
इन बच्चों की जगह तुम होतीं तो खाने के लिए कौन से तीन पकवान बनातीं? उन्हें बनाने के लिए किन चीज़ों की ज़रूरत पड़ती? पता करो और सूची बनाओ।

पकवान का नाम किन चीजों की जरूरत होगी।
आलू की सब्जी आलू, प्याज, तेल या रिफाइंड, मसाले, टमाटर
पूरी आटा, रिफाइंड, पानी
रायता बूंदी, दही, नमक

मट्ठा बनाएँ
(क) सरला ने कहा-मैं दही का मट्ठा चला देंगी।
दही का मट्ठा चलाने का मतलब है|

  • दही बिलोना
  • दही से लस्सी या छाछ बनाना

सरला को इस काम के लिए किन-किन चीज़ों की ज़रूरत होगी, उनके नाम लिखो।
उत्तर:
दही, हाँडी, बिलोनी या रई, चीनी, पानी और बर्फ।

(ख) बिलोना, घोलना, फेंटना
उत्तर:
इन तीनों कामों में क्या फर्क है? बातचीत करो और पता लगाओ।

(ग) किन्हीं दो-दो चीज़ों के नाम बताओ जिन्हें बिलोते, घोलते और फेंटते हैं।
उत्तर:

बिलोते हैं। दही दाल
घोलते हैं। दूध में चीनी पानी में नमक चीनी
फेंटते हैं। पानी के साथ बेसन शहद में दालचीनी का पाउडर

(घ) सरला ने रई से मट्ठा बिलोया।
रई को मथनी भी कहते हैं। रसोई के दूसरे बर्तनों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं? कक्षा में इस पर बातचीत करो और एक सूची बनाओ।
उत्तर:

थाली कटोरी ग्लास
कड़ाही कलछी छलनी
चिमटा चकला बेलन
प्रेशर कुकर तवा चम्मच

आओ तुकबंदी करें।
नाटक में बच्चों ने अपनी बात को कई बार कविता की तरह कहा है जैसे-
टिंकू ने पकाई बड़ियाँ,
चुन्नू ने पकाई दाल
टिंकू की बड़ियाँ जल गई,
चुन्नू का बुरा हाल
अब तुम भी नीचे लिखी पंक्तियों में कुछ जोड़ो-
उत्तर:
घंटी बोली टन-टन-टन
चूड़ी खनकी खन-खन-खन।
कहाँ चले भई कहाँ चले
दो तीन नहीं चार भले।
रेल चली भई रेल चली
मची यात्रियों में खलबली
कल की छुट्टी परसों इतवार
क्या होगा जब आएगा सोमवार
रोटी दाल पकाएँगे
खाएँगे खिलाएँगे।

थप्प रोटी थप्प दाल पाठ का सारांश

पर्दा उठता है और बच्चे मंच पर खेलते हुए दिखाई देते हैं। अचानक मुन्नी अपने घर से भागी-भागी वहाँ आती है और नीना से रोटी का खेल खेलने को कहती है। वह उसे बताती है कि उसने अपनी माँ से आटा, घी, दाल, दही, साग, चीनी मक्खन सब चीजें ले ली हैं और अब उसके साथ रोटी का खेल खेलेगी। नीना तैयार हो जाती है और उसके साथ बाकी बच्चे भी। बच्चों के बीच काम का बँटवारा होता है। टिंकू को बाजार से साग-सब्जी लाने का काम मिलता है और चुन्नु को दाल बनाने का काम। सरला दही का मट्ठा चलाएगी और तरला मुन्नी के साथ रोटी बनाएगी।

टिंकू ने बड़ियाँ पकाईं और चुन्नू ने दाल पकाई। लड़कियाँ रोटी बनाने का अभिनय करती हैं। वे गाती हैं-थप्प रोटी थप्प दाल, खाने वाले हो तैयार। अब सभी बच्चे मंच पर रोटी-दाल खाने का अभिनय करते हैं। वे आधा खाना खाते हैं और आधा बचाकर रखते हैं फिर सो जाते हैं। अचानक बिल्ली का प्रवेश होता है। वह म्याऊँ करके चारों ओर देखती है और छींके पर से मक्खन और रोटी लेने का अभिनय करती है। वह रोटी खाकर तुरंत भाग जाती है। ठीक उसी समय सरला जाग जाती है और मक्खन के बर्तन को खाली देखकर चिल्लाती है-मक्खन-मलाई कहाँ गई? बच्चे कहते हैं-वह तो बिल्ली चट कर गई।

सभी बच्चे बिल्ली की खोज में जुट जाते हैं। कुछ अंदर जाते हैं, कुछ बाहर आते हैं। कुछ रंगमंच पर सामने की ओर देखते हैं, कभी बैठकर नीचे झुककर देखने का अभिनय करते हैं। तभी तरला-सरला चीखकर कहती हैं-बिल्ली मिल गई।

बिल्ली घबराई हुई-सी रंगमंच पर आती है और सभी उसे पकड़ लेते हैं। वे उसे हँसकर मारने का अभिनय करते हैं। बिल्ली, कहती है-अगर तुम सब लोग ऐसे ही टाँग पसारकर सो जाया करोगे तो मैं जरूर खाऊँगी। यह कहकर बिल्ली भागने की कोशिश करती है। सब बच्चे उसे घेर लेते हैं। तीन-चार बार ऐसा करने के बाद बिल्ली घेरा छोड़कर भाग जाती है। सारे बच्चे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ पड़ते हैं।

शब्दार्थ : तरकारी-सब्ज़ी। करारी भूख-बहुत जोर की भूख। मट्ठा-छाछ। भात-पकाया हुआ चावल । पसारना-फैलाना।

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