Download Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 2 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 10 Hindi board exam and Score More marks. Here we have given Hindi B Sample Paper for Class 10 Solved Set 2.
Board – Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in
Subject – CBSE Class 10 Hindi B
Year of Examination – 2019.
Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 2
हल सहित सामान्य
निर्देश :
• इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ ।।
• चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है ।
• यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
नैतिक शिक्षा के दो पहलू हैं-सकारात्मक एवं नकारात्मक पहले पक्ष के अन्तर्गत आते हैं-सत्य, अहिंसा, परोपकार और करुणा। ये ही गुण परहित के कारण हैं और परहित को गोस्वामी तुलसीदास ने परम धर्म कहा है। इसके विपरीत नकारात्मक पहलू के अन्तर्गत आते हैं-काम, क्रोध, मोह, लोभ, दुर्वचन आदि। इन्हीं अवगुणों से दूसरों को पीड़ा पहुँचती है और पर पीड़ा की तुलसीदास ने अधर्म या पाप कहा है। यदि छात्रों को नैतिक शिक्षा दी जायेगी तो वे सन्मार्ग पर चलेंगे, अपनी आत्मा को शुद्ध बनाकर अपना और देश दोनों का हित करेंगे। इसके विपरीत आचरण करने पर छल-कपट कर, अनुशासन भंग कर स्वयं अपना जीवन भी नष्ट करेंगे और समाज में अराजकता फैलाकर देश को दुर्बल बनाएँगे। यदि विद्यार्थी जीवन से ही छात्रों को सही मार्गदर्शन मिले तो निश्चित रूप से सभ्यता और संस्कृति का बीजारोपण हो जाता है। यह वही अवस्था है जिसमें अच्छे नागरिकों का निर्माण होता है। इसलिए नैतिकता की शिक्षा हम शिक्षण संस्थाओं में पाठ्यक्रम का अंग बनाकर दे सकते हैं।
(क) गद्यांश में किस प्रकार की शिक्षा की बात की जा रही है ? उसके दो रूप क्या हैं ?
(ख) परहित में कौन-कौन से गुण होते हैं? इसे किसने परम धर्म कहा है?
(ग) तुलसीदास ने किन अवगुणों को पाप कहा है?
(घ) छात्रों को नैतिक शिक्षा देने से क्या लाभ हैं?
(ड) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए। 1
उत्तर-
(क) नैतिक शिक्षा। सकारात्मक, नकारात्मक।
(ख) सत्य, अहिंसा, परोपकार आदि तुलसीदास ने।
(ग) काम, क्रोध आदि को।
(घ) सन्मार्ग पर चलेंगे। कुमार्ग त्यागेंगे।
व्याख्यात्मक हल:
(क) गद्यांश में नैतिक शिक्षा की बात की जा रही है। उसके दो रूप हैंसकारात्मक और नकारात्मक।
(ख) परहित में सत्य, अहिंसा, परोपकार और करुणा जैसे गुण होते हैं। इसे गोस्वामी तुलसीदास ने परम धर्म कहा है।
(ग) तुलसीदास ने काम, क्रोध, मोह, लोभ, दुर्वचन आदि अवगुणों को पाप कहा
(घ) छात्रों को नैतिक शिक्षा देने से यह लाभ होगा कि वे सन्मार्ग पर चलेंगे, अपनी आत्मा को शुद्ध बनाकर अपना और देश दोनों का हित करेंगे।
(इ.) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्षक है-नैतिक शिक्षा।
2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवें बना।
काम पड़ने पर करें जो शेर का भी सामना।।
जो कि हँस-हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना।
‘है कठिन कुछ भी नहीं’ जिनके है जी में यह ठना।।
कोस कितने ही चलें, पर वे कभी थकते नहीं।
कौन-सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं।।
काम को आरंभ करके यों नहीं जो छोड़ते।
सामना करके नहीं जो भूलकर मुँह मोड़ते।
जो गगन के फूल वृक्ष बातों से नहीं हैं तोड़ते।
संपदा मन से करोड़ों की नहीं जो जोड़ते।।
बन गया हीरा उन्हीं के हाथ से है कारबन।
काँच को करके दिखा देते हैं वे उज्ज्व ल रतन।।
(क) जीवन में कौन और कब प्राकृतिक आपदाओं का सामना खुशी से करते हैं ?
(ख) कर्मवीरों की कौन-सी सकारात्मक विशेषताओं की ओर कवि संकेत कर रहा है?
(ग) कार्बन से हीरा बनाना व काँच को उज्ज्वल रत्न बनाना कब संभव है ?
उत्तर-
(क)
• कर्मवीर
• आपदाएँ आने पर
(ख)
• दृढ़ संकल्प
• कठोर परिश्रम
(ग)
• जब तक काम पूरा न हो अपनी जगह से न टलें। लगातार तराशने का काम चलता रहे।
व्याख्यात्मक हल :
(क) कर्मवीर जीवन में आपदाएँ आने पर उनका खुशी से सामना करते हैं।
(ख) कवि कर्मवीरों के दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम करने जैसी सकारात्मक विशेषताओं की ओर संकेत कर रहा है।
(ग) कार्बन से हीरा बनाना व काँच को उज्ज्वल रत्न बनाना तभी संभव है कि जब तक काम पूरा न हो अपनी जगह से न टलें। तराशने का काम लगातार चलता रहे।
खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
3. शब्द व पद में अन्तर बताइए।
उत्तर-
वणों के मेल से बने स्वतन्त्र सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और जब शब्द को व्याकरण के नियमों में बाँधकर वाक्य में प्रयोग किया जाता है तब वह पद बन जाता है।
4. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए–
(क) मैं भाई की लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता। (संयुक्त वाक्य में)।
(ख) खर्च पूरा नहीं पड़ता, कर्जदार रहते थे।(मिश्र वाक्य में)
(ग) यह पुस्तक महँगी थी इसलिए पुस्तकालय से ले ली। (मिश्र वाक्य में)
उत्तर-
(क) मैंने भाई की लताड़ सुनी और आँसू बहाने लगा। (संयुक्त वाक्य)
(ख) क्योंकि खर्च पूरा नहीं पड़ता था इसलिए कर्जदार रहते थे। (मिश्र वाक्य)
(ग) मैंने वह पुस्तक पुस्तकालय से ले ली जो महँगी थी। (मिश्र वाक्य)
5.निर्देशानुसार उत्तर दीजिए
(क) ‘यथोचित’ का-विग्रह कर समास का नाम लिखिए।
(ख) ‘महान है जो जन’ का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए।
(ग) ‘हथकड़ी’ समस्त पद का विग्रह कर समास का नाम लिखिए।
(घ) ‘दीनों के नाथ’ का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए।
उत्तर-
(क) जैसा उचित हो (अव्ययी भाव समास)
(ख) महाजन (कर्मधारय समास)
(ग) हाथ के लिए कड़ी (तत्पुरुष)
(घ) दीनानाथ (तत्पुरुष)
6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए –
(क) यहाँ ताजा गाय का दूध मिलता है।
(ख) मैंने भी आगरा जाना है।
(ग) कृपया मेरे घर अवश्य आने की कृपा करें।
(घ) आज शायद वर्षा जरूर होगी।
उत्तर-
(क) यहाँ गाय का ताजा दूध मिलता है।
(ख) मुझे भी आगरा जाना है।
(ग) मेरे घर अवश्य आने की कृपा करें।
(घ) आज वर्षा जरूर होगी।
7. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरों से कीजिए –
(क) कहने से कोई लाभ नहीं वह तो …………………. है।
(ख) पुलिस की आहट सुनकर चोर ……………………. हो गया।
उत्तर-
(क) चिकना घड़ा।
(ख) नौ दो ग्यारहरफूचक्कर।
खण्ड ‘ग’: पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) अविनाश बाबू कौन थे? उनके झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई ? बताइए।
(ख) बड़ा भाई लेखक को उम्र भर एक दरजे में पड़े रहने का डर क्यों दिखाता था? ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के आधार पर लिखिए।
(ग) राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फिल्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(क) अविनाश बाबू बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री थे। उनके द्वारा झंडा गाड़ने पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया तथा अन्य लोगों को मार-पीट कर हटा दिया।
(ख) बड़ा भाई अपने अज्ञान और अयोग्यता के कारण पढ़ाई से डरा हुआ है। उसे लगता था कि इतनी मेहनत के बाद भी मैं फेल हो गया, तो जरूर यह पढ़ाई बहुत कठिन है।
(ग) मेरा नाम जोकर, सत्यम-शिवम-सुन्दरम आदि।
व्याख्यात्मक हल :
(क) अविनाश बाबू बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री थे। उनके द्वारा झंडा गाड़ने पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया तथा अन्य लोगों की मार-पीट कर हटा दिया।
(ख) बड़ा भाई हर वक्त पढ़ता रहता था फिर भी उत्तीर्ण नहीं हो पाता था। इसलिए उसे लगता था कि पढ़ाई बहुत कठिन है और वह चाहता था कि उसका छोटा भाई अध्ययन के प्रति गंभीर रहे। इसी कारण वह लेखक को उम्र भर एक दरजे में पड़े रहने का डर दिखाता था।
(ग) राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फिल्म-संगम, मेरा नाम जोकर, सत्यम् शिवम् सुंदरम् आदि हैं।
9. जापान में मानसिक रोग के क्या कारण बताए गए हैं? उससे होने वाले प्रभाव का उल्लेख करते हुए लिखिए कि इसमें ‘टी सेरेमनी’ की क्या उपयोगिता है?
उत्तर
कारण :
• आर्थिक प्रगति के लिए अमेरिका से प्रतिस्पर्धा
• एक महीने का काम एक दिन में करने का दबाव
प्रभाव :
• जीवन की रफ्तार अत्यधिक बढ़ना
• मानसिक रोग
• तनाव भरी जिंदगी
(किन्ही दो बिंदुओं का उल्लेख अपेक्षित)
‘टी सेरेमनी’ की उपयोगिता:
• तनाव से मुक्ति, दिमाग को शांत करना
• समय के प्रति एक नए दृष्टिकोण का विकास
व्याख्यात्मक हल :
लेखक के मित्र ने जापान में मानसिक रोग के कारण बताएँ है कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है, बोलता नहीं बकता है, एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है। उनका दिमाग हजार गुना अधिक गति से दौड़ता है। अत: तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है। जापानियों की ‘टी सेरेमनी’ ऐसी स्थिति में दिमाग को शांत रखने का कार्य करती है। यह ऐसे स्थान पर आयोजित की जाती है, जहाँ चारों ओर शंति व्याप्त होती है। लोग चाय का आनंद बिल्कुल शांत रहकर उठाते हैं। दिमाग उस अवस्था तक पहुँत जाता है जहाँ उसे सब मिथ्या लगता है। उसका मन शंति और आराम पाता है। अपनी उपयोगिता के कारण ‘टी सेरेमनी’ आज भी लोगों में वैसे ही प्रचलित है।
10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) ‘बिहारी के दोहे’ के आधार पर लिखिए की माला जपने और तिलक लगाने से क्या होता है? ईश्वर किससे प्रसन्न होते हैं?
(ख) ईश्वर कण-कण में व्याप्त है, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते? कबीर की साखी के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए।
(ग) ‘मुँह बंद होना’ मुहावरा ‘तोप’ कविता में क्या लाक्षणिक अर्थ बताता है? 1
उत्तर-
(क)
• मन का भ्रमित होना
• ईश्वर निरंतर साधना, लगन और सच्चे मन की भक्ति से प्रसन्न होता है।
व्याख्यात्मक हल :
बिहारी का मानना है कि बाहरी आडम्बरों से ईश्वर नहीं मिलते। माला फेरने, हल्दी, चंदन का तिलक लगाने या छापै लगाने से एक भी काम नहीं बनता। कच्चे मन वालों का हृदय डोलता रहता है। वे ही ऐसा करते हैं लेकिन राम तो सच्चे मन से याद करने वाले के हृदय में रहते हैं। अत: हमें चाहिए कि सारे
आडंबर छोड़कर सच्चे मन से राम का नाम लें।
(ख) ईश्वर कण-कण में व्याप्त है पर हम उसे उसी प्रकार देख पाते हैं, जैसे कस्तूरी मृग अपनी नाभि में स्थित कस्तूरी को ढूंढ़ नहीं।
पाता और वह उसे (कस्तूरी को) वन-वन (जंगल-जंगल) खोजता फिरता है।
(ग) ‘मुँह बंद होना’ का अर्थ निःशक्त और निस्तेज रह जाने से है अर्थात् तोप अब शक्तिहीन हो गई है।
11. पर्वत प्रदेश में वर्षा ऋतु में प्राकृतिक सौन्दर्य कई गुना बढ़ जाता है, परन्तु पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के दैनिक जीवन में क्या कठिनाइयाँ उत्पन्न होती होंगी ? उनके विषय में लिखिए।
उत्तर
• हरियाली बढ़ जाती है, फल-फूल बढ़ जाते हैं। खेती तैयार होती है।
• भूमि फिसलन भरी, चट्टानें टूटना, मिट्टी फैलना, बाढ़ आना, जंगल में कीचड़ व दलदल आदि।
व्याख्यात्मक हल :
पर्वतीय प्रदेशों में वर्षा ऋतु के समय प्राकृतिक सौंदर्य तो कई गुना बढ़ जाता है, हरियाली बढ़ जाती है, फल-फूल बढ़ जाते हैं। खेती तैयार होती है, परंतु इस ऋतु में पहाड़ों पर जीवन व्यतीत करने वाले लोगों के लिए कई समस्याएँ भी उत्पन्न हो जाती हैं, जैसे-वर्षा के कारण पहाड़ों की भूमि फिसलन भरी हो जाती है, जिसके कारण पहाड़ों से फिसलकर गिरने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही चट्टानों का अपक्षय होने लगता है और वह टूटकर गिरने लगती हैं। कभी-कभी बड़े-बड़े चट्टानी टुकड़े गिरते हैं जिनसे जान-माल की बहत हानि होती है। वर्षा के कारण पहाड़ों की मिट्टी फैलने लगती है। कभी-कभी बादल फटने से भयंकर बाढ़ तक आ जाती है। जंगलों में कीचड़ व दलदल बन जाती है। इस प्रकार यह ऋतु जितनी सौंदर्यमयी है उतनी ही उस क्षेत्र में रहने वालों के लिए परेशानी का सबब भी है।
12. अंत में हरिहर काका द्वारा जमीन के सन्दर्भ में लिया जाने वाला निर्णय क्या था और वह परिवार के मूल्यों को किस परिस्थिति में प्रभावित करता है और कैसे ? यह स्थिति हर व्यक्ति को क्या संदेश प्रदान करती है ?
उत्तर
• जीते जी जमीन किसी को न देने का निर्णय
• विद्यार्थियों के तर्क के आधार पर मूल्यांकन व्याख्यात्मक हल :
अंत में हरिहर काका ने अपने जीते जी अपनी जमीन किसी को भी न देने का निर्णय लिया। यह सुनकर उनके भाइयों का व्यवहार उनके प्रति पूरी तरह बदल गया। उन्होंने हरिहर काका को महंत से भी अधिक यातनाएँ दीं यहाँ तक कि यह कहने लगे कि जमीन नाम कर दो नहीं तो मार कर घर में गाड़ देंगे। उनका निर्णय रिश्तों में छिपी स्वार्थ और धन लोलुपता की भावना को दर्शाता है। हमारे अपने भी स्वार्थ और लोभ-लालच में आकर अपने ही भाई-बंधु की जान के पीछे पड़ जाते हैं। उसके अपने ही परिवार के सदस्य उसकी मृत्यु की प्रतीक्षा करने लगते हैं। हरिहर काका की यह स्थिति समाज के हर बुजुर्ग को यह संदेश देती है कि कभी भी अपने जीते जी अपनी संपत्ति किसी को नहीं सौंपनी चाहिए अन्यथा उनका जीवन जीते जी नरक के समान हो जाएगा और यदि फिर भी परिवार के सदस्य बुरा व्यवहार करें तो कानून की मदद लेनी चाहिए।
खण्ड ‘घ’ : लेखन
13. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए –
(क) पुस्तकें पढ़ने की आदत
• पढ़ने की घटती प्रवृत्ति
• कारण और हानि
• पढ़ने की आदत से लाभ
(ख) मीडिया का सामाजिक उत्तरदायित्व
• जागरूकता
• निजी जीवन में दखल देना
• वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना
(ग) राष्ट्रीय एकता –
• भारत का राष्ट्रीय स्वरूप
• धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति आदि की एकता
• एकता में बाधक तत्व
उत्तर-
• विचारों की मौलिका • प्रस्तुति
• विषयानुकूल भाषा
व्याख्यात्मक हल :
(क) पुस्तकें पढ़ने की आदत-पुस्तकें हमारे लिएज्ञान का साधन हैं। अत: मनुष्यनिंरतर पुस्तकों का अध्ययन करता है। आज समय की कमी के कारण पुस्तक पढ़ने की आदत घटती जा रही है। आज कम्प्यूटर का बोलबाला है। मनुष्य को जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए बाजार में जाने की आवश्यकता नहीं है। इंटरनेट के माध्यम से वह घर पर अपने कम्प्यूटर या लैपटाप के माध्यम से किसी भी विषय पर जानकारी हासिल कर सकते है। इससे पुस्तके पढ़ने की आदत पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है। इससे मनुष्य को यह हानि हो रही है कि अब धीरे-धीरे पुस्तकों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा है। मनुष्य को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो रही हैं। पुस्तके निंरतर पढ़ते रहने से जान लाभ होता है। समय का सदुपयोग होता है।
(ख) मीडिया का सामाजिक उत्तरदायित्व-मीडिया समाज का महत्वपूर्ण स्तम्भ होता है। चाहे वह प्रिन्ट मीडिया हो या दूरदर्शन। इसका उद्देश्य समाज में जागरूकता स्थापित कर लोगों को जागरूक बनाकर उनमें जनजागरण का कार्य करना होता है। वर्तमान समय में समाज के अन्दर जन-साधारण में चेतना आ रही है। किसी भी समस्या के लिए समाचारपत्रों को माध्यम बनाकर अपनी बात पहुँचाने के लिए धरना, प्रदर्शन, जाम आदि लगाये जाते हैं। इन सबके पीछे मीडिया के द्वारा नागरिकों को जागरूकता प्रदान की गई है।
मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि ये किसी के निजी जीवन में हस्तक्षेप न करे। इसका परिणाम आज यह दिखाई देता है कि मीडिया समाचार-पत्रों या खबर (समाचार) चैनलों में काल्पनिक नाम द्वारा पहचान को गुप्त रखकर समाचारों को प्रसारित करता है।
मीडिया का सामाजिक दायित्व यह है कि वह जन साधारण में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे। यह देखने में आता है कि इस दायित्व का निर्वाह करने में मीडिया सफल रहा है।
(ग) राष्ट्रीय एकता-भारत का राष्ट्रीय स्वरूप ऐसा है कि यहाँ भिन्न-भिन्न धर्मों, जातियों, सम्प्रदायों, भाषाओं और बोलियों के होने पर भी सब एकता से रहते हैं। हमारा देश एक विशाल देश है जहाँ विभिन्नताएँ होना स्वाभाविक है। प्राकृतिक विभिन्नता, विचार और संस्कृति की भिन्नताएँ भाषा और धर्म की भिन्नता मिलती है। इसके बावजूद विभिन्नताओं रूपी मुक्तकों को जोड़कर एकता की माला बना ली गई है और सभी एकता की इस माला को पहनकर परस्पर सौहार्द से रह रहे हैं और इसमें सहयोग देती है-भारतीय संस्कृति में उपस्थित सहिष्णुता की भावना। भारतीय संविधान में भी सभी धर्मों, जातियों और सम्प्रदायों को समानाधिकार प्राप्त हैं, परन्तु एकता में बाधक तत्व धर्म- भाषा-जाति के नाम पर विषमता फैलाकर पृथकतावादी बातें करते हैं और दंगे, आन्दोलन आदि कार्य करते हैं। ये प्रत्येक राष्ट्रवासी का कर्तव्य है कि वह ऐसे अलगाववादी लोगों से सावधान रहें और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखें।
14. सर्वशिक्षा अभियान के प्रोत्साहन हेतु विद्यालय में रात्रिकालीन प्रौढ़ शिक्षा की व्यवस्था करवाने की अनुमति माँगते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।
अथवा
आपके मोहल्ले की नालियाँ बन्द पड़ी हैं जिससे सड़कों पर गन्दगी फैल जाती है, इसकी शिकायत करते हुए नगरपालिका के अधिकारी को पत्र लिखिए।
उत्तर-
सेवा में,
प्रधानाचार्य
मिल्टन पब्लिक स्कूल
शाहगंज, आगरा।
1 सितम्बर, 20XX
विषय : सर्वशिक्षा अभियान के प्रोत्साहन हेतु रात्रिकालीन प्रौढशिक्षा केन्द्र संचालन के सम्बन्ध में।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि सर्वशिक्षा अभियान के प्रोत्साहन हेतु विद्यालय में रात्रिकालीन प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र का संचालन करना चाहता हूँ। मैंने अपने प्रयास से प्रौढ़ों को शिक्षित करने के उद्देश्य से अपने विद्यालय के कुछ अन्य छात्रों को भी सहयोग के लिए चुना है। आशा है, आपमुझे उपर्युक्त कार्य के लिए विद्यालय का एक कमरा सायं 7 बजे से 9 बजे तक के लिए नि:शुल्क प्रदान करने की कृपा करेंगे। साथ ही चौकीदार को भी इस सम्बन्ध में निर्देश दें, ताकि समय पर वह विद्यालय के कमरे को खोले व बन्द कर सके।
प्राथों
अखिलेश कुमार
कक्षा–IX (ब)
अथवा
सेवा में,
श्रीमान् स्वास्थ्य अधिकारी
नगर निगम
आगरा ।
विषय : बंद नालियों के कारण सफाई अव्यवस्था फैलने की शिकायत हेतु। महोदय,
मैं आपका ध्यान मोहल्ले की सफाई अव्यवस्था की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ कि आगरा के गुलमोहर कॉलोनी के आसपास बहुत गन्दगी हो गई है। जगहजगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। उन पर विभिन्न जानवर घूमते हैं। कई दिनों से सफाई न होने से नालियाँ बन्द हो गई हैं। सड़कों पर नालियों का पानी भर रहा है। चारों ओर गंदगी का साम्राज्य है। इससे दुर्गध तो फैलती ही है साथ ही अनेक बीमारियों के पनपने का भी खतरा है।।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप बंद नालियों को खुलवाने एवं सफाई व्यवस्था को सुचारु करने हेतु उचित कदम उठाएँ।
सधन्यवाद !
भवदीय
अश्वनी सिंह
सचिव
गुलमोहर कॉलोनी समिति
गुलमोहर कॉलोनी
शाहगंज, आगरा।
दिनांक : 25 मार्च, 20XX
15. विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी प्रात:काल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलने की सूचना-पट्ट के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
• प्रारूप एवं प्रस्तुति
• विचारों की मौलिकता
• विषयानुकूल भाषा
व्याख्यात्मक हल :
दिल्ली पब्लिक विद्यालय
सकेत
सूचना
दिनांक……….
विद्यालय में छुट्टी के समय में योग के अभ्यास की कक्षाओं की सूचना
आप सभी को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में छुट्टी के दिनों में सुबह 6 बजे से योग के अभ्यास की कक्षाएँ आरम्भ की जाएँगी। इच्छुक विद्यार्थी इन दिनों में विद्यालय के मैदान में आकर इसका लाभ उठा सकते हैं। कृपया वह अपने नाम कक्षा अध्यापिका को इस सप्ताह तक दे दें।
हस्ताक्षर
रजनी सिंह
(हेड गर्ल)
दिल्ली पब्लिक विद्यालय
16. राजू ने कुछ दिन से पढ़ना-लिखना छोड़ दिया है। नियमित रूप से विद्यालय भी नहीं जाता। इस पर चिन्तित माता-पिता के परस्पर संवाद को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
राजू के माता-पिता के बीच संवाद
पिता : राजू की माँ! आज फिर विद्यालय से राजू की अनुपस्थिति की शिकायत आई है।
माता : आप ही बताएँ, मैं क्या करूं ? वह तो दूरदर्शन का पीछा ही नहीं छोड़ता।
पिता : अरी भाग्यवान्! पढ़ेगा-लिखेगा नहीं तो भविष्य में क्या करेगा?
माता : जैसा उसके भाग्य में लिखा होगा।
पिता : पर भाग्य बनाना तो हमारा काम है।
माता : होगा! पर मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है।
पिता : क्यों न दुरदर्शन की तारें ही निकाल दी जाएँ?
माता : शायद, यही ठीक रहेगा। न दूरदर्शन चलेगा और न वह देखेग
पिता : बस, ऐसा ही करता हूँ।
17. मकानों को बेचने हेतु किसी समाचार-पत्र के वर्गीकृत कॉलम हेतु 20-25 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए।
उत्तर-
बिकाऊ है।
दो मकान 2BHK नवनिर्मित, दोनों ओर सड़क, मथुरा विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत। केवल वास्तविक खरीदार ही सम्पर्क करें।
बल्लभ कुंज, फेस-2, निकट पुष्पांजलि, लाजपत नगर, मथुरा। आज ही सम्पर्क करें। रमेश चन्द, सदर बाजार, आगरा।
दूरभाष : 0562-231648
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