NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 स्पीति में बारिश are part of NCERT Solutions for Class 11 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 स्पीति में बारिश.

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 स्पीति में बारिश

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

पाठ के साथ

प्रश्न. 1.
इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता। क्यों?
उत्तर:
स्पीति की भौगोलिक स्थिति विचित्र है। यहाँ आवागमन के साधन नहीं हैं। यह पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। साल में आठ-नौ महीने बर्फ रहती है तथा यह क्षेत्र शेष संसार से कटा रहता है। इन दुर्गम रास्तों को लाँघने का साहस किसी राजा या शासक ने नहीं किया। यहाँ की आबादी बेहद कम है तथा जनसंचार के साधन का अभाव है। मानवीय गतिविधियों के कारण यहाँ इतिहास नहीं बना। इसका जिक्र सिर्फ राज्यों के साथ जुड़े रहने पर ही आता है। यह क्षेत्र प्राय: स्वायत्त ही रहा है।

प्रश्न. 2.
स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं?
उत्तर:
स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करते हैं –

  1. लंबी शीत ऋतु होने के कारण ये लोग दुनिया से कटे रहते हैं।
  2. यहाँ जलाने के लिए लकड़ी नहीं होती। इसलिए वे ठंड से ठिठुरते हैं।
  3. साल में सिर्फ एक फ़सल होती है। गेहूँ, जौ, मटर व सरसों के अलावा अन्य फ़सल नहीं हो सकती।
  4. किसी प्रकार का फल व सब्जी उत्पन्न नहीं होती।
  5. रोज़गार के साधन नहीं हैं।
  6. ज़मीन उपजाऊ है, परंतु सिंचाई के साधन अविकसित हैं।
  7. अत्यधिक सरदी के कारण लोग घरों में ही रहते हैं?

प्रश्न. 3.
लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों है?
उत्तर:
बौद्ध धर्म में माने मंत्र की बहुत महिमा है। ‘ओों मणि पद्मे हु’ इनका बीज मंत्र है। इसी मंत्र को संक्षेप में माने कहते हैं। लेखक का मानना है कि इस मंत्र का यहाँ इतना अधिक जाप हुआ है कि पर्वत श्रेणी को यह नाम आसानी से दिया जा सकता है। हो सकता है कि स्पीति के दक्षिण की पर्वत श्रेणी का माने नाम इसी कारण पड़ा हो।

प्रश्न. 4.
ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं-इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है?
उत्तर:
लेखक की मान्यता है कि माने की चोटियों पर बूढ़े लामाओं ने इतने जाप किए हैं कि उनके बुढ़ापे और जाप से ये पहाड़ियाँ उदास हो गई हैं। अतः कवि युवा वर्ग से आग्रह करता है कि वे यहाँ आकर किलोल करें तो ये पहाड़ियाँ हर्षित हों। अभी तो इन पर स्पीति का आर्तनाद जमा हुआ है, जो युवा अट्टहास की गरमी से कुछ तो पिघलेगा। लेखक की ओर से यह एक युवा निमंत्रण है।

प्रश्न. 5.
वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग है – लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर:
लेखक बताता है कि स्पीति में वर्षा बहुत कम होती है। इस कारण वर्षा ऋतु मन की साध पूरी नहीं करती। वर्षा के बिना यहाँ की धरती सूखी, ठंडी व बंजर होती है। जब कभी यहाँ वर्षा हो जाती है तो लोग इसे अपना सुखद सौभाग्य मानते हैं। वर्षा के दिन को वे सुख का संकेत मानते हैं। लेखक के आने के बाद यहाँ वर्षा हुई। लोगों ने उसे बताया कि वर्षा होने के कारण आपकी यात्रा सुखद होगी।

प्रश्न. 6.
स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से बहुत भिन्न है; जैसे –

  1. यहाँ के दरें बहुत ऊँचे व दुर्गम हैं।
  2. यहाँ सब्ज़ी व फल उत्पन्न नहीं होते।
  3. यहाँ वर्ष में एक ही फ़सल होती है।
  4. साल में नौ महीने बरफ़ जमी रहने के कारण यह क्षेत्र संसार से कट जाता है।
  5. यहाँ के पहाड़ों की ऊँचाई 13000 से 21000 फीट तक की है। यह अत्यन्त दुर्गम है।

पाठ के आस-पास

प्रश्न. 1.
स्पीति में बारिश का वर्णन एक अलग तरीके से किया गया है। आप अपने यहाँ होने वाली बारिश का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमारे यहाँ तपती गरमी के बाद जब आकाश में काले बादल घुमड़-घुमड़कर आते हैं तो शरीर व मन को शांति मिलती है। वर्षा होते ही चारों तरफ प्रसन्नता फैल जाती है। प्रकृति भी प्रसन्न होकर हँसती हुई प्रतीत होती है। बच्चों की मस्ती देखते ही बनती है। पक्षी अपनी खुशी का इजहार स्वर उत्पन्न करके करते हैं। तालाब, नहरें, नदियाँ सब पर यौवन आ जाता है। ऐसा लगता है, मानी धरती फिर जवान हो गई हो।

प्रश्न. 2.
स्पीति के लोगों और मैदानी भागों में रहने वाले लोगों के जीवन की तुलना कीजिए। किन का जीवन आपको ज्यादा अच्छा लगता है और क्यों?
उत्तर:
स्पीति के लोग भयंकर शीत और विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करते हैं। संचार माध्यम व यातायात के साधन वहाँ हैं ही नहीं। वर्ष भर ठंडक ही रहती। अल्प समय के लिए तापमान थोड़ा कम होता है। जीवन में नीरसता और आर्तनाद भरा रहता है। तरह-तरह के फल-फूल तो दूर, वनस्पति का भी वहाँ अभाव है। इसके विपरीत, मैदानी भागों में संचार और यातायात के भरपूर साधन हैं। वर्ष में सरदी, गरमी, बरसात, वसंत, पतझड़ सभी ऋतुओं का क्रम चलता रहता है। इससे जीवन की सरसता और खुशी बनी रहती है। मैदानों में हरियाली, फल-फूल, पशुपक्षी सबकुछ भरपूर है। इसीलिए तुलनात्मक दृष्टि से मैदानी भागों में जीवन ज्यादा अच्छा है, क्योंकि यहाँ सुख-सुविधाएँ, खुशियों से भरा वातावरण है।

प्रश्न. 3.
स्पीति में बारिश एक यात्रा-वृत्तांत है। इसमें यात्रा के दौरान किए गए अनुभवों, यात्रा-स्थलों से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का बारीकी से वर्णन किया गया है। आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न, 4.
लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग तीस वर्ष पहले की थी। इन तीस वर्षों में क्या स्पीति में कुछ परिवर्तन आया है? जानें, सोचें और लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

भाषा की बात

प्रश्न. 1.
पाठ में से दिए गए अनुच्छेद में क्योंकि, और, बल्कि, जैसे ही, वैसे ही, मानो, ऐसे, शब्दों का प्रसंग करते हुए उसे दोबारा लिखिए –
लैंप की लौ तेज़ की। खिड़की का एक पल्ला खोला तो तेज हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया। उसकी आड़ से देखने लगा। देखा कि बारिश हो रही थी। मैं उसे देख नहीं रहा था। सुन रहा था। अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका आ रहा था। जैसे बरफ़ का अंश लिए तुषार जैसी बूंदें पड़ रही थीं।
उत्तर:
लैंप की लौ तेज की और जैसे ही खिड़की का एक पल्ला खोला वैसे ही तेज हवा का झोंका मुँह और हाथ को मानो छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया और उसकी आड़ से देखने लगा। देखा कि बारिश तेज हो रही थी। मैं उसे देख नहीं रहा था, बल्कि सुन रहा था, क्योंकि अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका आ रहा था। मानो बरफ़ का अंश लिए तुषार की बूंदें पड़ रही थीं।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न. 1.
‘स्पीति का भूगोल इतना प्रभावशाली है कि इतिहास अनजान रह गया।’ कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:
स्पीति का भूगोल अलंघ्य है। दुर्गम ऊँचे-ऊँचे पहाड़ एवं कठिन रास्तों ने स्पीति को ऐसे दुर्ग में कैद कर लिया है कि कोई भी राजा, सम्राट या लुटेरा वहाँ तक नहीं पहुँच पाया है। परिणामस्वरूप स्पीति का नाम इतिहास में कहीं भी दर्ज नहीं हो सका। प्राचीन काल से ही स्पीति भारतीय साम्राज्यों का अनाम अंग रही है। साम्राज्य टूटे तो वह स्वतंत्र रही, फिर मध्य युग में प्रायः लद्दाख मंडल, कश्मीर मंडल, कभी बुशहर मंडल और कभी ब्रिटिश भारत के अधीन रही पर तब भी स्पीति प्रायः स्वायत्त ही रही है। इसकी स्वायत्तता भूगोल ने सिरजी है। भूगोल इसका रक्षक और संहारक दोनों है।

प्रश्न. 2.
स्पीति में रहनेवालों के प्रति लेखक हैरान क्यों है?
उत्तर:
स्पीति एक दुर्गम पहाड़ी स्थान है। यहाँ जीवन-यापन करना बड़ा ही कठिन है। प्रति वर्गमील यहाँ चार से भी कम लोग बसते हैं। वहाँ की यात्रा करने के बाद लेखक के लिए यह ज्यादा अचरज की बात हो गई कि ये लोग यहाँ रहते कैसे हैं? यह प्रश्न और वहाँ के लोगों के प्रति यही सोच मन में उठती है कि आख़िर ये लोग यहाँ रहते क्यों हैं? क्या मातृभूमि के प्रति धर्म निभा रहे हैं या कहीं जा नहीं सकते इसलिए रह रहे हैं। ये लोग आठ-नौ महीने भयंकर शीत के कारण समस्त संसार के कटे रहते हैं। वनस्पति के अभाव में लकड़ी भी नहीं है कि वे आग जलाकर घर को गर्म रख सकें। यही सब अचरज का कारण है।

प्रश्न. 3.
स्पीति के निवासियों के कष्टकर जीवन के बारे में बताइए।
उत्तर:
स्पीति एक अत्यंत बर्फीला व ठंड भरा स्थान है। यहाँ वर्षा नहीं होती; वनस्पति, फल-फूल, पेड़-पौधे आदि कुछ नहीं होते। सोचकर लगता है-ऐसी नीरसता में जीवन कितना कठिन हो जाता होगा? संवेदनाओं और संयोगों की प्रतीक्षा में संसार चलता है। स्पीति में तो ये हैं ही नहीं; फिर जीवन कैसा होगा? कल्पना से परे ही है। हँसी-खुशी तो वहाँ होगी ही कैसे, जब आठ-नौ मास तक शीत का प्रकोप चलता है। तापमान का संतुलन बनाने के लिए उपकरण तो दूर आग जलाने को लकड़ी भी नहीं होती। वर्षा के अभाव में फ़सल उगाने के लिए नदी-नालों के पानी का प्रयोग किया जाता है। स्पीति के निवासियों का उदासी और निराशा से भरा जीवन बेहद कष्टकारक है।

प्रश्न. 4.
‘स्पीति रेगुलेशन’ क्या था? वर्णन करें।
उत्तर:
‘स्पीति रेगुलेशन’ 1873 में लाया गया ब्रिटिश सरकार का एक विशेष एक्ट था। इसके तहत लाहुल और स्पीति को एक खास दर्जा दिया गया। ब्रिटिश भारत के अन्य कानून यहाँ लागू नहीं होते थे। रेगुलेशन के अधीन प्रशासन के अधिकार नोनो को दिए गए जिसमें मालगुजारी इकट्ठा करना और फ़ौजदारी के छोटे-छोटे मुकद्दमों का फैसला करना भी शामिल था। उसके ऊपर के मामले वह कमिश्नर के पास भेज देता था। उन दिनों की लाहुल-स्पीति का वृत्तांत काँगड़ा जिले के अंतर्गत कुल्लू तहसील में मिलता है।

प्रश्न. 5.
‘शिव का अट्टहास नहीं, हिम का आर्तनाद है।’-आशय स्पष्ट करें।
उत्तर:
बहुधा पहाड़ के शिखरों पर जमी बरफ़ के विषय में यही मान्यता है कि भगवान् शिव के अट्टहास अर्थात् तेज हँसी के कारण शिखरों पर श्वेत तुषार जम जाता है। यह बात स्पीति पर लागू नहीं होती। उसे लेखक दूसरी दृष्टि से देखता है। उसकी मान्यता है कि स्पीति के लोग इतना कष्टदायक जीवन जी रहे हैं कि यहाँ आर्तनाद अर्थात् दुख भरी चीख-पुकार के अतिरिक्त और कुछ हो ही नहीं सकता। वही आर्तनाद हिम के रूप में जम गया है।

प्रश्न. 6.
‘स्पीति में बारिश’ पाठ का उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
कृष्णनाथ के यात्रा-वृत्तांत स्थान विशेष से जुड़े होकर भी भाषा, इतिहास, पुराण का संसार समेटे हुए हैं। पाठक उनके साथ खुद यात्रा करने लगता है। वे लोग, जो इन स्थानों की यात्रा कर चुके होते हैं, वे भी अगर कृष्णनाथ के यात्रा-वृत्तांत को पढ़ेंगे तो उन्हें कुछ नया लगेगा। उन्हें महसूस होगा कि उनकी पुरानी यात्रा अधूरी थी और कृष्णनाथ के यात्रा-वृत्तांत को पढ़कर वह पूरी हुई।

स्पीति में बारिश पाठ एक यात्रा-वृत्तांत है। स्पीति, हिमाचल के मध्य में स्थित है। यह स्थान अपनी भौगोलिक एवं प्राकृतिक विशेषताओं के कारण अन्य पर्वतीय स्थलों से भिन्न है। लेखक ने इस पाठ में स्पीति की जनसंख्या, ऋतु, फ़सल, जलवायु तथा भूगोल का वर्णन किया है जो परस्पर एक-दूसरे से संबंधित हैं। पाठ में दुर्गम क्षेत्र स्पीति में रहने वाले लोगों के कठिनाई भरे जीवन का भी वर्णन किया गया है। कुछ युवा पर्यटकों का पहुँचना स्पीति के पर्यावरण को बदल सकता है। ठंडे रेगिस्तान जैसे स्पीति के लिए उनका आना, वहाँ बूंदों भरा एक सुखद संयोग बन सकता है।

प्रश्न. 7.
बाहरी हमलों से यहाँ के लोग अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं?
उत्तर:
जब यहाँ पर बाहरी हमला होता है तो वे लोग अप्रतिकार का तरीका अपनाते हैं। वे उससे संघर्ष नहीं करते। वे चाँग्मा का तना पकड़कर या एक-दूसरे को पकड़कर आँख मींचकर बैठ जाते हैं। जब आक्रमणकारी यो संकट गुजर जाता है, तब वे उठकर वापस आ जाते हैं।

We hope the given NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 स्पीति में बारिश will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 स्पीति में बारिश, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.